. पृथक् निर्वाचन-मंडल और आरक्षित चुनाव-क्षेत्र के बीच क्या अंतर है? संविधान-निर्माताओं ने पृथक् निर्वाचन-मंडल को
क्यों स्वीकार नहीं किया?
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Answer:
पृथक निर्वाचन-मंडल और आरक्षित चुनाव क्षेत्र के बीच निम्न अंतर है :
पृथक निर्वाचन मंडल में एक चुनाव क्षेत्र से विभिन्न जातियों के प्रतिनिधि चुनाव में खड़े होते हैं तथा हर एक मतदाता अपनी जाति के प्रतिनिधि को ही चुनाव में वोट देता है।
भारत को स्वतंत्रता मिलने से पहले ब्रिटिश सरकार ने भारत में इस प्रणाली को लागू किया था।
जबकि आरक्षित चुनाव क्षेत्र के अंतर्गत पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के लिए सीट आरक्षित होती है।अब एक तिहाई सीटें स्थानीय सरकारी संस्थानों में महिलाओं के लिए आरक्षित हैं
संविधान निर्माताओं ने पृथक निर्वाचन-मंडल को इसलिए स्वीकार नहीं किया क्योंकि यह सांप्रदायिक चुनाव प्रणाली है पृथक निर्वाचन मंडल प्रणाली समाज में सांप्रदायिकता को बढ़ाती है और इससे समाज की एकता में प्रभाव पड़ता है। पृथक चुनाव प्रणाली में मतदाताओं का नज़रिया होता है और मतदाता देश की भलाई के जगह पर अपने संप्रदाय के भलाई को ज्यादा महत्व देते हैं।
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