पादपों के वर्गीकरण इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
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hii
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प्रारम्भ में पादपों का वर्गीकरण उपयोगिता के आधार पर किया गया था व जन्तुओं को पाँच समूहों में बाँटा गया था। बाद में अरस्तू ने वैज्ञानिक मापदण्डों के आधार पर वर्गीकरण प्रस्तुत किया। पौधों को वृक्ष, झाड़ी एवं शाक में बाँटा व प्राणियों को लाल रक्त की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर वर्गीकृत किया। लीनियस ने सभी पौधों व प्राणियों के वर्गीकरण के लिए द्विजगत पद्धति बनाई, इसके अन्तर्गत सभी जीवों को प्लाण्टी (पादप) एवं ऐनिमैलिया (प्राणि) जगत में वर्गीकृत किया।
यद्यपि यह वर्गीकरण सरल था किन्तु इसमें अनेक जीवों को रखना सम्भव नहीं था। वर्गीकरण में जीव के आकारिकी लक्षण के अलावा कोशिका संरचना, कोशिका भित्ति के लक्षण, पोषण विधि, आवास, प्रजनन की विधियों एवं विकासीय सम्बन्धों को भी समाहित करने की आवश्यकता हुई। फलस्वरूप वर्गीकरण की पद्धति में अनेक परिवर्तन आये।
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