पादपों में लेंगिक जनन के प्रक्रम को समझाइए।
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पादपों में लैंगिक जनन का प्रक्रम :
जब नर और मादा प्रजनन में शामिल होते हैं, तो इस पद्धति को लैंगिक प्रजनन कहा जाता है।
पादपों में नर और मादा जनन अंग क्रमशः पुंकेसर और स्त्रीकेसर है। पुंकेसर नर युग्मक पैदा करता है। स्त्रीकेसर मादा युग्मक उत्पन्न करती है। यह दोनों जनन अंग एक ही पुष्प अथवा अलग-अलग पुष्पों में हो सकते हैं । पादपों में लैंगिक जनन बीजों द्वारा होता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए- |
(क) जनक पादप के कायिक भागों से नए पादप के उत्पादन का प्रक्रम__________ कहलाता है।
(ख) ऐसे पुष्पों को, जिनमें केवल नर अथवा मादा जनन अंग होता है _____________पुष्प कहते हैं।
(ग) परागकणों का उसी अथवा उसी प्रकार के अन्य पुष्प के परागकोश से वर्तिकाग्र पर स्थानांतरण का प्रक्रम _____________ कहलाता है।
(घ) नर ओर मादा युग्मकों का युग्मम _______________कहलाता है।
(च) बीज प्रकीर्ण ______________,______________और॒ ______________ के द्वारा होता है।
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अलेंगिक जनन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। प्रत्येक का उदाहरण दीजिए।
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Explanation:
उत्तर. पौधों में नर युग्मक पुंकेसर में और मादा युग्मक स्त्रीकेस्र में विद्यमान होता है। परागण क्रिया में नर युग्मक, मादा युग्मक के संपर्क में आता है और दोनों युग्मकों का संयुक्त होना निषेचन कहलाता है। निषेचन के उपरांत युग्मनज बनता है। जो बीज बनने की प्रथम अवस्था है। बीज से नए पादप का जन्म होता है। इन बीजों से विकसित पादपों में अपने पैतृक पादपों के समान गुणधर्म होते हैं। लैंगिक जनन में जनन के उपरांत भी माता-पिता अपने शिशु के रूप में जीवित रहते हैं।