पादप प्रतिरूपों के फंफूद व कीड़ों से कैसे सुरक्षित रखा जाता है?
Answers
Answer:
Answer:-
कीट नियंत्रण से आशय कीट के रूप में परिभाषित प्रजाति के नियंत्रण या प्रबंधन से है, क्योंकि आमतौर पर उन्हें व्यक्तियों के स्वास्थ्य, पारिस्थितिकी या अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक माना जाता है।
कीट नियंत्रण का इतिहास भी लगभग उतना ही पुराना है जितना कि कृषि का क्योंकि फसलों को हमेशा से ही कीट मुक्त रखने की आवश्यकता रही है। खाद्य पदार्थों के उत्पादन को अधिकतम करने के लिए फसलों को पौधों की प्रतिस्पर्धी प्रजातियों के साथ-साथ मनुष्यों के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाले शाकाहारी पशु-पक्षियों से बचाना भी लाभप्रद होता है।
सबसे पहले संभवतः पारंपरिक तरीकों का ही इस्तेमाल किया जाता था, क्योंकि घास-फूस को जलाकर या जुताई करके उन्हें जमीन के अंदर करके; और कौवों तथा बीज-भक्षण करने वाले अन्य पक्षियों जैसे बड़े शाकाहारी पशु-पक्षियों को नष्ट करना अपेक्षाकृत रूप से ज्यादा आसान होता है। फसल आवर्तन, सहयोगी फसल-रोपण (जिसे अंतर-फसल या मिश्रित फसल-रोपण भी कहा जाता है) और कीट प्रतिरोधी फसलों के चयनित प्रजनन का एक लंबा इतिहास रहा है।
कई कीट मनुष्य की प्रत्यक्ष गतिविधियों की वजह से ही एक समस्या के रूप में उभरे हैं। इन गतिविधियों के संशोधन द्वारा कीट संबंधी समस्याओं पर काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, रैकून नामक एक जानवर अक्सर बोरियों को फाड़ दिया करते थे जो कि एक बड़ी समस्या थी। कई लोगों ने अपने घरों में उनको पकड़ने वाले डिब्बों को रखना शुरु कर दिया जिससे उनका उत्पात में कमी आई. लगभग पूरी दुनिया में मक्खियां अक्सर मानव गतिविधि वाले क्षेत्रों के निकट ही अधिक मात्रा में पाई जाती हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां खाद्य सामग्री खुले में रखी जाती है। इसी प्रकार, समुद्री पक्षी सागर तट पर बने कई रिसोर्ट्स में काफी उत्पात मचाते हैं। पर्यटक अक्सर इन पक्षियों को मछलियों या चिप्स के टुकड़े खिलाते हैं जिसके कारण जल्द ही वे पक्षी उनके आदी हो जाते हैं और मनुष्यों के प्रति आक्रामक व्यवहार करने लगते हैं।