पाठशाला और करोना व्हायरस संवाद लेखन
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इंसान अकेली एक ऐसी जाति है जो कि बिना जाने अपने हाथों से चेहरे छूने के लिए जानी जाती है. उसकी या आदत नये कोरोना वायरस (कोविड-19) जैसी बीमारियों को फैलने में मदद करती है.
लेकिन हम ये क्यों करते हैं और क्या हम अपनी इस आदत को रोक सकते हैं?
हम सब दिन में कई बार अपना चेहरा छूते हैं. साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया के मेडिकल की पढ़ाई करने वाले युवाओं पर एक अध्ययन किया गया. इसमें ये सामने आया कि मेडिकल स्टूडेंट्स भी ख़ुद को इससे नहीं बचा सके.
शायद मेडिकल स्टूडेंट्स को इससे पैदा होने वाले ख़तरों को लेकर ज़्यादा जाग्रत रहना चाहिए था. लेकिन उन्होंने भी कम से कम एक घंटे में 23 बार अपने चेहरे को छुआ. इसमें मुंह, नाक और आँखें शामिल है....
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