Hindi, asked by gaonkarravi91, 8 months ago

। पेड़ की आत्मकथा :​

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Answered by aarohi930
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इस दुनिया में उपकरियो की कोई जगह नहीं होती हैं।

मतलबी होते हैं सभी इस्तमाल किया जब तक उसमें से उसकी जान ना निकल जाए।

मै तो चुप रहता हूं। अपने साथ हो रहे आत्याचर के लिए लड़ भी नहीं सकता हूं क्योंकि मैं मुक हूं।

जब तक मै जीवित रहता मेरे पतों, फूलों ,फलो और खलों को भी उपयोग कर लेते हैं।

और जब मैं मर जाऊं तो टहनियों का और तनाओ तक को नहीं छोड़ते।

गर्मी बरसात में मेरे नीचे आसरा लेते हैं।

और देते कुछ भी नहीं है। बदले मौत के।

मुझे भी दर्द होता है मत काटो मुझे यहां तक कि मैं तुम्हें जीवन भी देता हूं।

इसलिए मैं भी समझ गया हूं। मतलबी हैं सभी लोग और तो और चुप रहने वाले का और भी मज़ा लेते हैं।

कहते हैं ना हर एक का वक्त आता है जब मुझे काट कर खत्म कर दोगे। तब समझ आएगा क्या खोया है।

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Answered by SAHILKADAR
4

tera bahut bahut shukriya

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