Hindi, asked by chetanaaher6, 2 months ago

पेड़ की आत्मकथा हिंदी निबंध 4 पन्ना​

Answers

Answered by himanisharma2292004
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Answer:

यह धरती मेरी ही हरियाली से शोभायमान है। जब मैं एक छोटा पौधा था तब मैं अपने आसपास के बड़े पेड़ो को देखकर ये सोचा करता था कि कब मैं इनकी तरह बड़ा पेड़ बन पाऊंगा और इनकी बड़ी बड़ी शाखाओ की तरह, मेरी भी शाखायें कब इस आसमान की ऊंचाइयों को छुयेगी। समय बीतने के साथ ही मेरा भी विकास होता गया और धीरे धीरे मैं भी बड़ा हो गया।

Answered by siddiquirushaan61
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Answer:

मैं प्रकृति के द्वारा दिया गया एक अनमोल रत्न हूं जिस पर सभी जीवों का जीवन निर्भर करता है। ... लेकिन जब मैं धीरे-धीरे बड़ा होने लगा तब मैं प्रकृति को समझने लगा और मेरा यह डर धीरे-धीरे खत्म होता गया। मुझमें पर्णहरित नामक पदार्थ पाया जाता है और इसी पदार्थ के कारण मेरा रंग हरा होता है।


chetanaaher6: big answer give me by 4page
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