Hindi, asked by tamilalagan567, 11 hours ago

पेड़ की आत्मकथा निबंध ​

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Answered by bbharatdusad
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Answer:

आज मैं इतना बड़ा हो चुका हूं कि अब मेरी साखाएँ भी और पेड़ो की तरह विशाल हो चुकी हैं और अब मुझ पर भी फल और फूल लगने लगे हैं। मैं भी अब और पेड़ो की तरह पंक्षियों को घर एवं मनुष्यों और अन्य जीवों को छाया देने में समर्थ हूं। ... वो पल मेरे जीवन का सबसे दुःख भरा पल होता है जब मैं अपने आसपास के पेड़ों को कटते देखता हूं।

Explanation:

i hope you like it

Answered by sarthvlogandcreative
1

Answer:

मुझे भी यही likhna hai re baba

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