'पेड़ की आत्मकथा' विषय पर निबंध लेखन कीजिए।
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Answer: PLEASE MARK ME AS BRAINLIEST!!! PLEASE
मैं एक पेड़ हूँ, मै भगवान द्वारा प्रकृति को दिया गया एक अनमोल उपहार हूँ | सा जगत में घटित होने वाली सभी प्राकृतिक घटनाओं का प्रमुख कारण हूँ | मैं इस दुनियां में रहने वाले सभी जीव-जंतुओं के जीवन का आधार हूँ | इस पृथ्वी पर सबसे पहले मेरा जन्म हुआ था |
अपने जन्म से पहले मैं पृथ्वी के भूगर्भ में एक बीज के रुप में सुप्तावस्था में पड़ा हुआ था | तब मैं पृथ्वी के भूगर्भ में उपस्थित जल एवं खनिज तत्वों से अपना पोषण करके अपना विकास किया | इस पृथ्वी के भूगर्भ से बाहर एक तनें के रुप में आया |
मेरी छोटी-छोटी टहनियों और शाखाओं पर लगे हुए रंग-बिरंगी फूलों को तोड़कर मानव मेरे फूलों को तोड़कर भगवान के चरणों में अर्पित किये जाते हैं, जो की मुझे बहुत अच्छा लगता है | साथ ही मानव मेरे फूलों को तोड़कर घरों और मंदिरों को सजता है | यह देखकर मैं खुशी की अनुभूति करता हूँ |
सुबह की शुद्ध और ठंडी हवाएं, सूर्य की पहली किरण क साथ मेरी शाखाओं पर लगी पत्तियों को स्पर्श करती हैं |
इस संसार में शाकाहरी जानवर मेरी पत्तियों को खाकर अपना भरण पोषण करके अपना जीवन यापन करते हैं | मेरे सघन वनों को सभी जीव जंतुओं ने अपना बसेरा बना लिया है |