पेड़ का कच्चा फल पक गया एक मुखी है या उद्या मुखी
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पेड़ का कच्चा फल पक गया एक मुखी है या उद्या मुखीहल्द्वानी, जेएनएन : रामपुर रोड स्थित वानिकी प्रशिक्षण संस्थान (एफटीआइ) में वन अनुसंधान केंद्र ने धार्मिक महत्व के रुद्राक्ष का पौधा क्लोनल विधि से तैयार कर लिया है। लंबी प्रक्रिया और शोध के बाद महकमे ने यह सफलता पाई है। वहीं, बढ़ती डिमांड की वजह से नर्सरी में इनके और पौधे तैयार किए जा रहे हैं। बाद में इन्हें आम लोगों को भी उपलब्ध करवाया जाएगा।
आदि काल से रुद्राक्ष धारण करना शुभ माना जाता है। बात अगर औषधीय गुणों की करें तो इसकी बनीमाला गले में डालने से रक्तचाप काफी हद तक नियंत्रण में रहता है। वहीं एक, दो, तीन व पांच मुखी रुद्राक्ष का अलग-अलग महत्व बताया गया है। वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी के प्रभारी मदन बिष्ट ने बताया कि पांच साल पहले नर्सरी में 60 पौधे रोपित किए गए थे। अब क्लोन विधि से नए पौधे तैयार किए जा रहे हैं। क्लोन के माध्यम से बनाए गए पौधे मातृवृक्ष की तरह लगते हैं। लंबी प्रक्रिया व शोध के बाद अनुसंधान केंद्र को रुद्राक्ष का क्लोन बनाने में कामयाबी मिली।क्लोनल यानी एयर लेयरिंग विधि में तीन-चार साल के पौधे की शाखाओं में पेपपिन से रिंग काटा जाता है। फिर उसके ऊपर मौस लगाई जाती है। बाद में 250 माइक्रोन की पॉलीथिन से ढकने के साथ दोनों तरफ रस्सी बांध दी जाती है। करीब 45 दिन में जड़ें निकल जाती हैं। जिसे काटकर नए बैग में लगाया जाता है। 15-20 दिन बाद यह पौधे रोपने लायक हो जाते हैं।