Hindi, asked by Kapoorpriyanshi, 10 months ago

पेड़ों की तरह हमें भी परोपकारी बनना चाहिए, क्यों?​

Answers

Answered by rishabhshukla20
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Explanation:

रामस्नेही संत रामेश्वरदास ने कहा कि पेड़-पौधे परोपकार के आदर्श है। वे दूसरों के लिए जीते हैं। पेड़-पौधों से औषधियां, इमारती लकड़ी, ईंधन, छाया, पशुओं के लिए चारा, फल-फूल व प्राणवायु मिलती है। वे गुरुवार को राजेंद्र नगर स्थित राधाकृष्ण मंदिर में चातुर्मास सत्संग में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मनुष्य को पेड़-पौधों से प्रेरणा लेकर परोपकार से संकोच नहीं करना चाहिए। पर उपकार व दीन दुखियों को निस्वार्थ सेवा करने से ही जीवन की सार्थकता है। पंचतत्वों से निर्मित मनुष्य शरीर फिर से उसी में मिल जाता है।जल की तरह पेड़-पौधे भी हमारे जीवन का अविभाज्य अंग हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वास्तु में पेड़-पौधों का खास महत्व है। वास्तु के अनुरूप लगे पेड़-पौधे हमें सुख-समृद्घि प्रदान करते हैं।

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Answered by arnavmadan
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जिस प्रकार पेड़ अपने फल देकर हमारा पेट भरते हैं ,गर्मी के वक्त हमें छाओ देते हैं, हमें प्राणवायु देते हैं, औषधीय प्रदान करते हैं घर बनाने के लिए लकड़िया देते हैं और इसी तरह से अ तरह से अनेक कामों में हमारी सहायता करते हैं उसी प्रकार हमें भी उनकी तरह परोपकारी ही बनना चाहिए क्योंकि जो परोपकारी होता है उसका जगत में नाम होता है और यही मानवता सिखाती है।

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