Hindi, asked by srishti7750, 11 months ago


पेड़-पौधों की विशेषता है-परोपकार करना। हमें भी उनकी तरह परोपकारी बनना चाहिए, क्यों?​

Answers

Answered by prasad737187
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Answer:

रामस्नेही संत रामेश्वरदास ने कहा कि पेड़-पौधे परोपकार के आदर्श है। वे दूसरों के लिए जीते हैं। पेड़-पौधों से औषधियां, इमारती लकड़ी, ईंधन, छाया, पशुओं के लिए चारा, फल-फूल व प्राणवायु मिलती है। वे गुरुवार को राजेंद्र नगर स्थित राधाकृष्ण मंदिर में चातुर्मास सत्संग में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मनुष्य को पेड़-पौधों से प्रेरणा लेकर परोपकार से संकोच नहीं करना चाहिए। पर उपकार व दीन दुखियों को निस्वार्थ सेवा करने से ही जीवन की सार्थकता है। पंचतत्वों से निर्मित मनुष्य शरीर फिर से उसी में मिल जाता है।जल की तरह पेड़-पौधे भी हमारे जीवन का अविभाज्य अंग हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वास्तु में पेड़-पौधों का खास महत्व है। वास्तु के अनुरूप लगे पेड़-पौधे हमें सुख-समृद्घि प्रदान करते हैं।

अमूमन लोग पेड़-पौधे गृह-सज्जा के लिए लगाते हैं। पीपल, नीम, आम, केला, बांस जैसे बड़े पेड़ों को भी घर के आहते में लगाया जाता है। किंतु तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण सिकुड़ते आवासों में पेड़ लगाने का चलन काफी कम होता जा रहा है। आज के समय में हम पेड़ों के स्थान पर छोटे पौधे लगाकर न सिर्फ अपने आवास को खूबसूरत बना सकते हैं, बल्कि शुभ फल भी पा सकते हैं।

Answered by sharmamanasvi007
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Answer:

जिस प्रकार पेड़ अपने फल देकर हमारा पेट भरते हैं ,गर्मी के वक्त हमें छाओ देते हैं, हमें प्राणवायु देते हैं, औषधीय प्रदान करते हैं घर बनाने के लिए लकड़िया देते हैं और इसी तरह से अ तरह से अनेक कामों में हमारी सहायता करते हैं उसी प्रकार हमें भी उनकी तरह परोपकारी ही बनना चाहिए क्योंकि जो परोपकारी होता है उसका जगत में नाम होता है और यही मानवता सिखाती है।

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