पीढ़ियाँ और गिट्टियाँ पाठ के आधार पर आज के दो पीढ़ियों के संघर्ष का सोदाहरण वर्णन करें
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“पीढियाँ और गिट्टियाँ” पाठ ‘हरिशंकर परसाई’ द्वारा रचित एक व्यंगात्मक रचना है। इस पाठ में हरिशंकर प्रसाद ने दो पीढ़ियों के बीच संघर्ष को व्यंग्यात्मक रूप में प्रस्तुत कर अपनी बात कहने का प्रयास किया है। पीढ़ियाँ और गिट्टियाँ कहानी में एक ओर वृद्धों की बढ़ती आयु को लेकर उनके मन में दबी इच्छाओं को उद्घाटित करता है तो दूसरी ओर अगली युवा पीढ़ी के मनोभावों को भी प्रदर्शित करता है, जो वृद्धों द्वारा युवाओं पर उनकी जीवन-शैली पर रोक-टोक से परेशान हो जाते हैं। इस तरह इस पाठ में दो पीढ़ियों के बीच वर्चस्व को लेकर एक संघर्ष प्रस्तुत होता है। यह पूरा पाठ एक व्यंग्यात्मक रूप में और आम बोलचाल की भाषा में लिखा गया है।
उदाहरण के लिये आज के समय में पुरानी पीढ़ी किताबों, पत्र-पत्रिकाओं में अपने ज्ञान का संसार खोजती है, जबकि नयी पीढ़ी मोबाइल, टैबलेट, लैपटाप में अपना ज्ञान संसार खोजती है। दोनों में अपनी-अपनी विधा को श्रेष्ठ मानते हैं।
Answer:
जिस समाज में ऐसी पुरानी पीढ़ी होगी उस समाज के युवक कुंठित, आत्म विश्वास विहीन तथा अकेलेपन से ग्रस्त होकर समाज विरोधी होंगे। इस व्यंग्य का शीर्षक है "पीढ़ियाँ और गिट्टियाँ" पीढ़ियाँ वय (उम्र) और अनुभव के भेद को दर्शाती हैं। ... एक पीढ़ी दूसरी पीढ़ी को गिटियाँ मारती है, पत्थर मारती है अर्थात् प्रताड़ित करती है।