पावलोव के अनुबंधन सिद्धांत का वर्णन कीजिये।
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एक मनोवैज्ञानिक पावलव द्वारा सन 1904 में प्रतिपादित किया गया जिसके मूल में यह तथ्य है कि अस्वाभाविक उद्दीपन के प्रति स्वाभाविक उद्दीपन के समान होने वाली अनुक्रिया शास्त्रीय अनुबंधन है। अर्थात उद्दीपन अनुक्रिया के बीच साहचर्य स्थापित होना ही अनुबंधन है। ... इसका कारण यह है कि अनुक्रिया नवीन उद्दीपक से सम्बद्ध हो जाती है।
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