पावसाळ्यातील एक दिवस निबंध short essay......plz give it fast
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बारिश का मौसम हर साल आता है पर देश कर हर हिस्से में बारिश का मौसम कुछ दिनों के अंतराल पर होता है जिसे हम मानसून कहते है।
मानसून देश के दक्षिण हिस्से में पहले आती है और धीरे धीरे पूरे देश में बरसती जाती है मासून ही देश का भविषय तय करती है क्यूंकि पूरे भारत की कृषि मानसून पर निर्भर करती है और पानी की समस्या को भी दूर करती है।
मेरे लिए भी बारिश का मौसम बहुत रोमांचक और सुन्दर होता है पर में एक दिन इस मौसम का कभी नहीं भूल सकता। हमारे जहाँ बारिश गर्मी के पहले सप्ताह में ही शुरू हो गयी और ये महीना बहुत गर्म होता है इसलिए हम सब ने चैन की सास ली वैसे तो हम हर साल बारिश से पहले तैयार रहते है क्यूंकि इन दिनों में यातायात और घर के सामान का लाना छोड़ना और घर की छत्त को ठीक करवा लेते है अगर कोई हिस्सा ठीक न हो क्यूंकि पानी टपकने और छत्त गिरने का डर रहता हैं मगर इस बार बारिश समय से पहले शुरू हो गयी तो समय नहीं मिला ये सब करने का।
बारिश का दूसरा दिन था की हमारी एक कमरे की छत्त टपकने लगी में और पिता जी छत्त की मुरम्मत कर ही रहे थे की छत्त के दूसरे कई हिस्सों से भी पानी टपकने लगा हम चिंता में पड़ गए क्यूंकि बारिश भी तेज़ थी और मुरम्मत करना मुश्किल हो रहा था हम अपनी पूरी कोशिश से काम कर रहे थे मुझे पिता जी ने कहा की तुम निचे जाकर सुखी मिटटी ले आओ में जैसे ही मिटटी लेने बहार गया की घर के एक हिस्से छत्त गिर गयी सब कुछ इतना अचानक हुआ की हमे यकीं नहीं हो रहा था मेरे पिता जी दूसरे हिस्से में थे इसलिए वो बच गए लेकिन वो दिन जब भी याद करता हु तो रूह कांप जाती है क्यूंकि पिता जी घायल हो सकते थे और वैसे भी हमारा बहुत नुकसान हो गया और उन बारिश में नई छत्त बनाना मतलब लोहे के चन्ने चबाना मगर भगवन का शुक्र है की किसी को चोट नहीं लगी ।
Disclaimer: Answer provided in Hindi. You may translate it to Bengali.