Hindi, asked by Draxillus, 1 year ago

पाया हमी से था कभी जो कभी वर विज्ञान का।
उसको दिया है दूसरों ने रूप संविधान का।
हम किंतु खो बैठे उसे भी ।
जो हमारे पास था ।
हां ,दूसरों के वृद्धि में ही ।क्या हमारा हाथ था।

ras pechan kijiye

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Answered by NaziaFarees
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karun aur nirvaid rus hai.

Answered by krishna210398
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करुण रस,शांत रस

Explanation:

करुण शब्द का प्रयोग सहानुभूति एवं दया मिश्रित दुःख के भाव को प्रकट करने के लिये किया जाता है।भरतमुनि के ‘नाट्यशास्त्र’ में प्रतिपादित आठ नाट्यरसों में शृंगार और हास्य के अनन्तर तथा रौद्र से पूर्व करुण रस की गणना की गई । ‘रौद्रात्तु करुणो रस:’ कहकर 'करुण रस' की उत्पत्ति 'रौद्र रस' से मानी गई है और उसकी उत्पत्ति शापजन्य क्लेश विनिपात, इष्टजन-विप्रयोग, विभव नाश, वध, बन्धन, विद्रव अर्थात पलायन, अपघात, व्यसन अर्थात आपत्ति आदि विभावों के संयोग से स्वीकार की है। साथ ही निर्वेद, ग्लानि, चिन्ता, औत्सुक्य, आवेग, मोह, श्रम, भय, विषाद, दैन्य, व्याधि, जड़ता, उन्माद, अपस्मार, त्रास, आलस्य, मरण, स्तम्भ, वेपथु, वेवर्ण्य, अश्रु, स्वरभेद आदि की व्यभिचारी या संचारी भाव के रूप में परिगणित किया है।

जब मनुष्य मोह-माया को त्याग कर सांसारिक कार्यों से मुक्त हो जाता है और वैराग्य धारण कर परमात्मा के वास्तविक रूप का ज्ञान होता है तो मनुष्य के मन को जो शान्ति मिलती है, उसे शांत रस कहते हैं। शांत रस का स्थायी भाव निर्वेद होता है, जिसका आशय उदासीनता से है।

शांत रस की परिभाषा शांत रस की परिभाषा अगर आपसे शांत रस की परिभाषा जाये तो आप ये भी बता सकते हैं कि, “ज्ञान की प्राप्ति अथवा संसार से वैराग्य होने के पश्चात जब मनुष्य को न सुख-दुःख और न किसी से द्वेष-राग होता है, तो ऐसी मनोस्थिति में मन में उठा विभाव शांत रस कहलाता है।” पहले इसे रस नहीं माना जाता था, बाद में ऋषियो और मुनियों ने इस भाव को शांत रस की संज्ञा दी।

शांत रस का स्थायी भाव निर्वेद होता है, जब यह स्थायी होकर विभाव, अनुभाव तथा संचारी भावों से संयुक्त होकर रस रूप में परिणत हो जाता है, तब शान्त रस कहलाता है।

शांत रस का स्थायी भाव क्या है? शान्त रस का स्थायी भाव शम / निर्वेद या वीतराग / वैराग्य है, जिसका आशय उदासीनता है।

पाया हमी से था कभी जो कभी वर विज्ञान का।

उसको दिया है दूसरों ने रूप संविधान का।

हम किंतु खो बैठे उसे भी ।

जो हमारे पास था ।

हां ,दूसरों के वृद्धि में ही ।क्या हमारा हाथ था।

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Nirved Shabd mein kaun sa Ras hoga

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