Hindi, asked by swarnalathas874, 4 months ago

पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायो।
वस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरु, किरपा कर अपनायो।
जनम-जनम की पूँजी पायी, जग में सभी खोवायो।
खरच न खूटे, चोर न लूट, दिन-दिन बढ़त सवायो।
सत की नाँव खेवटिया सतगुरु, भवसागर तर आयो।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर, हरख-हरख जस गायो।।
प्रश्न :

1) मीरा किस प्रकार की धन पाई है? ​

Answers

Answered by Anonymous
3

मीरा सतगुरु से राम नाम रूपी रत्न पाकर स्वयं को धन्य मान रही है। उनके अनुसार यह नाम-रत्न अमूल्य धन है

Answered by Anonymous
17

Answer:

मीरा राम रतन की धन पाई है ।

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