पायो जी म्हें तो राम- रतन धन पायो | वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु, करि किरपा अपणायो |
पायो जी म्हें तो राम- रतन धन पायो | वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु, करि किरपा अपणायो |
Answers
Answered by
0
Answer:
what is your question dear
btw
great day ✨
Answered by
0
Answer:
पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायो।
वस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरु, किरपा कर अपनायो॥
जनम-जनम की पूँजी पाई, जग में सभी खोवायो।
खरच न खूटै चोर न लूटै, दिन-दिन बढ़त सवायो॥
सत की नाँव खेवटिया सतगुरु, भवसागर तर आयो।
'मीरा' के प्रभु गिरिधर नागर, हरख-हरख जस पायो
Explanation:
please mark as brainlist
Similar questions