Hindi, asked by s16569adishant03395, 1 month ago

पायो जी म्हें तो राम- रतन धन पायो | वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु, करि किरपा​ अपणायो |

पायो जी म्हें तो राम- रतन धन पायो | वस्तु अमोलक दी मेरे सतगुरु, करि किरपा​ अपणायो |

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Answered by vrakesh28
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what is your question dear

btw

great day ✨

Answered by lakshitasolanki1675
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पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायो।

वस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरु, किरपा कर अपनायो॥

जनम-जनम की पूँजी पाई, जग में सभी खोवायो।

खरच न खूटै चोर न लूटै, दिन-दिन बढ़त सवायो॥

सत की नाँव खेवटिया सतगुरु, भवसागर तर आयो।

'मीरा' के प्रभु गिरिधर नागर, हरख-हरख जस पायो

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