पायोजी मैंने राम रतन धन पायो मीराबाई के इस पद का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए तथा तालिका में दिए गए तद्भव शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
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'पायो जी मैंने राम रतन धन पायो' मीराबाई के इस पद का भावार्थ : मीरा जी इस दोहे बता रही है कि मैंने जीवन में राम रूपी रत्न धन प्राप्त कर लिए है | श्रीकृष्ण जी को पाकर मैंने यह मोक्ष का रास्ता प्राप्त कर लिया है | यह धन उन्हें गुरु रविदास जी ने दिया है | राम रूपी धन को प्राप्त करके मैंने कई जन्मों का धन प्राप्त कर लिया |
यह धन न कभी खर्च होगा और न कभी यह चोरी होगा | यह धन दिन-रात बढ़ता ही रहता है | जब से यह नाम मुझे प्राप्त हुआ है मेरे लिए दुनियां की सभी चीजों से मेरी मोह माया हट गई है | मीराबाई बहुत खुश है कि उन्हें कृष्ण जी का भक्त बनी है | उन्हें दुनियां से कुछ नहीं चाहिए |
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