पायोजी मैंने राम रतन धन पायो मीराबाई के किस पार्षद का प्रभाव अपने शब्दों में लिखिए तथा तालिका में दिए गए तत्सम शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
Answers
पायोजी मैंने राम रतन धन पायो मीराबाई के किस पार्षद का प्रभाव अपने शब्दों में लिखिए तथा तालिका में दिए गए तत्सम शब्दों के तत्सम रूप लिखिए
Answer:
. पायो जी म्हैं तो राम रतन ………………………………………… जस गायो।
शब्दार्थ- अमोलक = अनमोल । खेवटिया = खेनेवाला। भव सागर = संसाररूपी सागर । म्है = मैंने।
सन्दर्भ – यह पद मीराबाई की ‘पदावली’ से लिया गया है, जो हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘हिन्दी काव्य’ में संकलित है।
प्रसंग- प्रस्तुत पद में मीराबाई भगवान् राम के नाम के महत्त्व की चर्चा करती हुई कहती हैं –
व्याख्या- मैंने भगवान् के नामरूपी रत्न सम्पदा को प्राप्त कर लिया। मेरे सच्चे गुरु ने यह अमूल्य वस्तु मुझ पर दया करके मुझे प्रदान की थी, मैंने उसे अंगीकार किया था। इस प्रकार मैंने गुरुदीक्षा के कारण कई जन्मों की संचित पूँजी (पुण्य फल) प्राप्त कर ली और संसार की सारी मोह-मायाओं का त्याग (UPBoardSolutions.com) कर दिया। यह राम नाम की पूँजी ऐसी विचित्र है कि यह खर्च करने पर भी कम नहीं होती और न इसे चोर हो चुरा सकते हैं। यह प्रतिदिन अधिक होती जाती है। मैंने इसी सत्यनाम (ईश्वर का नाम) रूपी नौका पर सवार होकर, जिसके केवट मेरे सच्चे गुरु हैं, संसाररूपी सागर को पार कर लिया है। अंत में मीराबाई कहती हैं कि गिर धरनागर श्रीकृष्ण भगवान् ही एकमात्र मेरे स्वामी हैं। मैं प्रसन्न होकर उनका गुणगान कर रही हूँ।