Hindi, asked by rohitnegi21, 1 month ago

पोयम ऑन गुरु तेज बहादुर इन हिंदी शॉर्ट पोयम​

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Answered by bhumiraj1234
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Explanation:

बाते करते है लोग यहा

जीते-मरते रहे लोग यहा

निज प्राण दिया परमारथ मे

है धर्मवीर कोई और कहा

गुरुओं का मान रखा जिसने

इस हिन्द की शान रखी जिसने

निज मोह के छोह को त्याग दिया

स्वाभिमान का ज्ञान दिया जिसने

बालक के मुख पर तेज़ अपार

दुश्मन भी बैठे थे तैयार

पर गुरु-पिता की सीख थी सग

और तेज बड़ी उसकी तलवार

समय के साथ बढ़ा बालक

ली विद्या और बना पालक

सहृदय, प्रेम, त्याग बलिदान

थे गुण उसमे ये विद्यमान

तब देश में था बड़ा अत्याचार

पापी ने मचाई थी हाहाकार

कहता था बदल लो ईमान अगर

जीने का मिलेगा तब अधिकार

इससे बढ़कर भी थे कई दुःख

थे लोग भी धर्म से बड़े विमुख

थी नशाखोरी, दुखी था समाज

गुरु-ज्ञान से राह दिखी सम्मुख

बढ़ने लगा हद से जो दुराचार

सृष्टि में निकट थी प्रलय साकार

चिंतित समाज पहुंचा गुरुधाम

मुख से निकला फिर त्राहि-माम

ज्ञानवान, व्यवहार कुशल

देख कष्ट जनों के वह थे विकल

बलिदान की ठानी उन ऋषि ने

देख अत्याचार हुए विह्वल

बालक उनका भी वीर ही था

देख धर्म दशा वो अधीर भी था

कहा, राष्ट्र को देखो पितृ मेरे

तब आँख में सबके नीर ही था.

विधर्मी को गढ़ में चुनौती दिया

दिया ‘शीश’ व धर्म की रक्षा किया

जगे लोग तभी, बने वीर सभी

बलिदान के अर्थ को साध लिया

हो रहा है धर्म का आज अनादर

आते हो याद फिर राष्ट्र को सादर

ले पुनर्जन्म आओ पुण्यात्मा

एक बार बनो फिर ‘हिन्द की चादर’

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