पीयरसन की कठोर-मृदु अम्ल क्षारक धारणा र
What is Pearson hard and sft acid-base
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पीयरसन ने 1963 में इसकी व्याख्या करने के लिए ही कठोर और मृदु अम्ल और क्षार HSAB की अवधारणा दी। इनके अनुसार , “मृदु क्षार वे है जिनके दाता परमाणु आसानी से ध्रुवित हो सकते है तथा जिनकी विद्युत ऋणात्मकता कम है। ” ... अत: हैलाइड आयनों में F– सबसे कठोर क्षारक है तो I– सबसे अधिक मृदु क्षारक है , जबकि बीच का Br– सीमारेखा में है।
Answer:
पीयरसन ने 1963 में इसकी व्याख्या करने के लिए ही कठोर और मृदु अम्ल और क्षार HSAB की अवधारणा दी। इनके अनुसार , “मृदु क्षार वे है जिनके दाता परमाणु आसानी से ध्रुवित हो सकते है तथा जिनकी विद्युत ऋणात्मकता कम है। ” ... अत: हैलाइड आयनों में F– सबसे कठोर क्षारक है तो I– सबसे अधिक मृदु क्षारक है , जबकि बीच का Br– सीमारेखा में है।
Explanation:
HSAB concept is an initialism for "hard and soft (Lewis) acids and bases". Also known as the Pearson acid-base concept, HSAB is widely used in chemistry for explaining stability of compounds, reaction mechanisms and pathways. It assigns the terms 'hard' or 'soft', and 'acid' or 'base' to chemical species.
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