pad parichay examples in hindi
Answers
कोई भी अनेक शब्दों से मिलकर बना होता है, उन शब्दों का भी अपना एक परिचय होता है कि व्याकरण की दृष्टि से किसी श्रेणी में आते हैं।
सरल शब्दों में कहें कि जिस प्रकार एक व्यक्ति का परिचय होता है, जैसे कि उसका नाम, लिंग, आयु, जाति आदि उसी प्रकार शब्दों का भी एक व्याकरणीय परिचय होता है जिसे ‘पद-परिचय’ कहते हैं।
किसी पद के निम्नलिखित परिचय हो सकते हैं...
संज्ञा का पद-परिचय
सर्वनाम का पद परिचय
लिंग के भेद
क्रिया का पद-परिचय
क्रिया-विशेषण का पद परिचय
विशेषण का पद-परिचय
कर्ताकारक, कर्मकारक या क्रिया से संबंध
संबंधबोधक
समुच्यबोधक
विस्मयबोधक
एक वाक्य के पद-परिचय का उदाहरण...
यह पुस्तक राम की है।
यह – विशेषण (सार्वनामिक), एकवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य ‘पुस्तक’
पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्म कारक, ‘है’ क्रिया का कर्म
राम की – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’) , ‘है’ क्रिया से संबंध
है – क्रिया , वर्तमानकाल , एकवचन
Answer:
परिभाषा:- वाक्य में आए प्रत्येक पद अथवा किसी एक पद का पूर्ण व्याकरणिक परिचय देना, पद परिचय कहलाता है।
वाक्य में आए शब्दों का पुल व्याकरणिक परिचय देना पद परिचय कहलाता है।
उदाहरण:- सुमन पुस्तक पढ़ रही है।
इस वाक्य में प्रत्येक शब्द पद है और उनका परिचय इस प्रकार होगा:-
- सुमन :- व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग , एकवचन , " पढ़ रही है " क्रिया का कर्म ।
- पुस्तक :- जातिवाचक संज्ञा , स्त्रीलिंग , एकवचन , " पढ़ रही है " क्रिया का कर्म।
- पढ़ रही है :- सकर्मक क्रिया , स्त्रीलिंग , एकवचन , वर्तमान काल ।
पद का परिचय :-
- संज्ञा पद का परिचय
- सर्वनाम पद का परिचय
- विशेषण पद का परिचय
- क्रिया पद का परिचय
- क्रियाविशेषण पद का परिचय
- संबंधबोधक पद का परिचय
- समुच्चयबोधक पद का परिचय
- विस्मयादिबोधक पद का परिचय
इस प्रकार के उदाहरण निम्नलिखित हैं :-
शब्द :- ऐसा
प्रयोग - भेद
- संज्ञा:- ऐसों से बात करना व्यर्थ है।
- सर्वनाम :- ऐसा कभी मत करना।
- विशेषण :- ऐसी सोच रखना भी तुम्हारे लिए पाप है।
- क्रियाविशेषण :- सांप देख कर वह ऐसी भागी कि घर जा कर ही दम लिया।
इत्यादि
___________________________
धन्यवाद