pad parichay explanation
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पद-परिचय
1) संज्ञासंज्ञा के भेद (व्यक्तिवाचक , जातिवाचक ,भाववाचक ), लिंग , वचन , कारक , क्रिया का ‘कर्ता’ है ? / क्रिया का ‘कर्म ‘ है ?2) सर्वनामसर्वनाम के भेद( पुरुषवाचक ( उत्तम पुरुष , मध्यम पुरुष , अन्य पुरुष ) , निश्चयवाचक , अनिश्चयवाचक , प्रश्नवाचक , संबंधवाचक , निजवाचक ) , लिंग , वचन , कारक , क्रिया का ‘कर्ता’ / क्रिया का ‘कर्म ‘3) विशेषणविशेषण के भेद (गुणवाचक , संख्यावाचक , सार्वनामिक , परिमाणवाचक ) , अवस्था (मूलावस्था ,उत्तरावस्था ,उत्तमावस्था ), लिंग , वचन , विशेष्य4) क्रियाक्रिया के भेद , लिंग , वचन , पुरुष , धातु , काल , वाच्य , क्रिया का ‘कर्ता ‘ कौन है ?,क्रिया का ‘कर्म ‘ कौन है ?5) क्रिया-विशेषणक्रिया – विशेषण के भेद (रीतिवाचक , कालवाचक , स्थानवाचक ,परिमाणवाचक ) , कौन सी ‘क्रिया ‘ से संबंध है ?6) संबंधबोधकसंबंधबोधक के भेद , किस ‘संज्ञा / सर्वनाम ‘ से संबंध है ?7) समुच्चयबोधकसमुच्चय बोधक के भेद (समानाधिकरण , व्याधिकरण )8)विस्मयादिबोधकविस्मयादिबोधक – भाव (हर्ष , क्रोध , धृणा , हिंसा , उत्साह , ग्लानि , विषाद , आश्चर्य आदि )9)निपातनिपात/अवधारक
रेखांकित पदों के पद परिचय बताईये।
१) आज समाज में विभीषणों की कमी नहीं है।
विभीषणों(देशद्रोहियो) – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’)
२) रात में देर तक बारिश होती रहीं।
देर तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक)
३) हर्षिता निबंध लिख रही है।
लिख रही है – क्रिया (संयुक्त) , स्त्रीलिंग , एकवचन , धातु ‘लिख’ , वर्तमान काल , क्रिया का कर्ता ‘हर्षिता’ , क्रिया का कर्म ‘निबंध’
४) इस पुस्तक में अनेक चित्र है ।
अनेक – विशेषण (अनिश्चित संख्यावाचक ) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘चित्र ‘
५) गांधीजी आजीवन मानवता की सेवा करते रहे ।
आजीवन – क्रिया-विशेषण (कालवाचक)
उदाहरण
अपने गाँव की मिट्टी छूने के लिए मै तरस गया ।
अपने – विशेषण ( सार्वनामिक ) , एकवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘गाँव’
गाँव की – संज्ञा (जातिवाचक) , एकवचन , पुल्लिंग , संबंधकारक (कारक ‘की’)
मिट्टी – संज्ञा (द्रव्यवाचक)
मैं – सर्वनाम (उत्तम पुरुष ) , एकवचन , पुल्लिंग , ‘तरस गया’ क्रिया का कर्ता
तरस गया – क्रिया (अकर्मक , संयुक्त) , भूतकाल , एकवचन , पुल्लिंग , कर्तृवाच्य , कर्ता “मै”
निर्धन लोगो की ईमानदारी देखो ।
निर्धन – विशेषण (गुणवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘लोगो’
लोगो की – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’)
ईमानदारी – संज्ञा (भाववाचक) , कर्म कारक , ‘देखो ‘ क्रिया का कर्म
देखो – क्रिया (सकर्मक) , बहुवचन , धातु ‘देख’ , वर्तमानकाल , क्रिया का कर्म ‘ईमानदारी’
यह पुस्तक मेरे मित्र की है।
यह – विशेषण (सार्वनामिक) , एकवचन , स्त्रीलिंग ,विशेष्य ‘पुस्तक’
पुस्तक – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , स्त्रीलिंग , कर्म कारक , ‘है ‘ क्रिया का कर्म
मेरे – सर्वनाम (पुरुषवाचक – उत्तम पुरुष ) , पुल्लिंग , एकवचन , संबंधकारक
मित्र की – संज्ञा (जातिवाचक ), एकवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’) , ‘है ‘ क्रिया से संबंध
है
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पद-परिचय
1) संज्ञासंज्ञा के भेद (व्यक्तिवाचक , जातिवाचक ,भाववाचक ), लिंग , वचन , कारक , क्रिया का ‘कर्ता’ है ? / क्रिया का ‘कर्म ‘ है ?2) सर्वनामसर्वनाम के भेद( पुरुषवाचक ( उत्तम पुरुष , मध्यम पुरुष , अन्य पुरुष ) , निश्चयवाचक , अनिश्चयवाचक , प्रश्नवाचक , संबंधवाचक , निजवाचक ) , लिंग , वचन , कारक , क्रिया का ‘कर्ता’ / क्रिया का ‘कर्म ‘3) विशेषणविशेषण के भेद (गुणवाचक , संख्यावाचक , सार्वनामिक , परिमाणवाचक ) , अवस्था (मूलावस्था ,उत्तरावस्था ,उत्तमावस्था ), लिंग , वचन , विशेष्य4) क्रियाक्रिया के भेद , लिंग , वचन , पुरुष , धातु , काल , वाच्य , क्रिया का ‘कर्ता ‘ कौन है ?,क्रिया का ‘कर्म ‘ कौन है ?5) क्रिया-विशेषणक्रिया – विशेषण के भेद (रीतिवाचक , कालवाचक , स्थानवाचक ,परिमाणवाचक ) , कौन सी ‘क्रिया ‘ से संबंध है ?6) संबंधबोधकसंबंधबोधक के भेद , किस ‘संज्ञा / सर्वनाम ‘ से संबंध है ?7) समुच्चयबोधकसमुच्चय बोधक के भेद (समानाधिकरण , व्याधिकरण )8)विस्मयादिबोधकविस्मयादिबोधक – भाव (हर्ष , क्रोध , धृणा , हिंसा , उत्साह , ग्लानि , विषाद , आश्चर्य आदि )9)निपातनिपात/अवधारक
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