pad prichay flow chart class 10
Answers
Answer:
पद परिचय
* मेरा नाम क्षितिज है।
* मैं रायगंज में रहता हूँ।
* मैं शारदा विद्या मंदिर में पढ़ता हूँ।
* मुझे खेलना बहुत पसंद अच्छा लगता है।
इस प्रकार अपने बारे में बताने को परिचय देना कहते हैं। जैसे हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय हुआ करता है।वाक्य में जो शब्द होते हैं,उन्हें ‘पद’ कहते हैं।उन पदों का परिचय देना ‘पद परिचय’ कहलाता है।
पद परिचय में किसी पद का पूर्ण व्याकरणिक परिचय दिया जाता है। व्याकरणिक परिचय से तात्पर्य है-- वाक्य में उस पद की स्थिति बताना , उसका लिंग , वचन , कारक तथा अन्य पदों के साथ संबंध बताना।
पद पाँच प्रकार के होते हैं- संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण , क्रिया तथा अव्यय । इन सभी पदों का परिचय देते समय हमें निम्नलिखित बिन्दुओं का ध्यान रखना चाहिए।
संज्ञा का पद परिचय
संज्ञा का पद परिचय देते समय निम्नलिखित पहलुओं की जानकारी देनी चाहिए :--
1.संज्ञा का भेद
2.लिंग
3.वचन
4.कारक
5.क्रिया के साथ पद का संबंध
जैसे- अपूर्वा पत्र लिखती है।
अपूर्वा -- व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक, 'लिखती है' क्रिया का कर्ता।
Explanation: