(३) पड्यांश की तीसरी और चौथी पंक्ति का संदेश लिखिए
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''कितने भी रहे गर्त --------------------------- हर समय प्यार भरा जा सकता है |''
इन पंक्तियों में कवि ने प्रेम पूर्वक रहने का संदेश दिया है । समाज के जो नकारे हुए तथा पतित वर्ग हैं उनके तथा साधारण मानव के बीच कितने भी मतभेद क्यों न हों किंतु उन्हें प्यार से अर्थात प्रेम भाव से दूर किया जा सकता है । मानवीय समाज में कितनी भी बुराइयां व्याप्त क्यों न हो हम उसे प्रेम से दूर कर सकते हैं । मानव मात्र परमात्मा की बनाई हुई रचना है इस बात को ध्यान में रखकर हम सभी से प्रेम करते हुए विचारों की गहरी खाई को भी पाट सकते हैं । भ्रष्टाचार करने वाले लोगों से भी हमे सौहार्द्रपूर्ण व्यवहार करना चाहिए । कवि कहना चाहते कि उन्हें भी प्यार से समझाकर हर समय सुधारा जा सकता है । कवि का तात्पर्य यह है कि प्रेम से सब संभव है |
इन पंक्तियों में कवि ने प्रेम पूर्वक रहने का संदेश दिया है । समाज के जो नकारे हुए तथा पतित वर्ग हैं उनके तथा साधारण मानव के बीच कितने भी मतभेद क्यों न हों किंतु उन्हें प्यार से अर्थात प्रेम भाव से दूर किया जा सकता है । मानवीय समाज में कितनी भी बुराइयां व्याप्त क्यों न हो हम उसे प्रेम से दूर कर सकते हैं । मानव मात्र परमात्मा की बनाई हुई रचना है इस बात को ध्यान में रखकर हम सभी से प्रेम करते हुए विचारों की गहरी खाई को भी पाट सकते हैं । भ्रष्टाचार करने वाले लोगों से भी हमे सौहार्द्रपूर्ण व्यवहार करना चाहिए । कवि कहना चाहते कि उन्हें भी प्यार से समझाकर हर समय सुधारा जा सकता है । कवि का तात्पर्य यह है कि प्रेम से सब संभव है |
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