Science, asked by Kunika143, 5 months ago

२) पडवळा - भोपळ्यांची
आळी ठेविली भाजून
य) प्रसाद र) माधुर्य
काव्यगुण - ...
ल) ओज​

Answers

Answered by kumarsaurav1497
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Answer:

काव्य में आन्तरिक सौन्दर्य तथा रस के प्रभाव एवं उत्कर्ष के लिए स्थायी रूप से विद्यमान मानवोचित भाव और धर्म या तत्व को काव्य गुण या शब्द गुण कहते हैं। यह काव्य में उसी प्रकार विद्यमान होता है, जैसे फूल में सुगन्ध।

अर्थात काव्य की शोभा करने वाले या रस को प्रकाशित करने वाले तत्व या विशेषता का नाम ही गुण है।

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