Hindi, asked by bakdeyogita, 1 year ago

पढाई मे तेज होने पर भी कक्षा मे दो बार फेल हो जाने पर टोपी के साथ घर पर या विद्यालय मे जो व्यवहार हुआ उस पर मानवीय मूल्यों की दृष्टि से टिप्पणी किजिए

Answers

Answered by shreyanalawade603
45

विद्यार्थियों के उपयुक्त उत्तर स्वीकार्य। व्याख्यात्मक हल :

टोपी पढ़ाई में बहुत तेज था। बहुत से ऐसे कारण जिनके कारण वह कक्षा में फेल हो गया। यदि देखा जाए, तो इसमें टोपी की भी कोई गलती नहीं थी। मगर घर तथा विद्यालय में उसके साथ तीन बार फेल हो जाने पर बुरा व्यवहार किया जाने लगा। यह उचित नहीं था। मास्टरों द्वारा उसे अनदेखा किया जाने लगा। यदि वह किसी प्रश्न का उत्तर देना चाहता तो मास्टर जी उसे यही कहते कि तुम्हें इसी कक्षा में तीन साल हो गए हैं। इन्हें नई कक्षा में जाना है। अत: तुमसे बाद में पूछ लेंगा। यह बहुत अपमानजनक थी। मास्टर जी को उसे पूरा सहयोग देना चाहिए। यह जानने का प्रयास करना चाहिए था कि ऐसा क्या हुआ, जो बुद्धिमान बालक कमजोर हो गया। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। उसके साथ के बच्चों ने उसका अपमान किया। उस पर हँसते थे। इससे उसका दिल दुखता था। यह उचित नहीं था। घरवाले भी ऐसे ही थे। उन्होंने भी उसका साथ देने के स्थान पर उसका मजाक उड़ाया। यह कहँ का न्याय है। हमारे जीवन मूल्य हमें साथ देना और प्यार करना सिखाते हैं। ऐसे बच्चों को तो हमें बहुत प्यार और साथ देने की आवश्यकता है।

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Answered by adi1243tya
10

Answer:

टोपी पढ़ाई में बहुत तेज था। बहुत से ऐसे कारण जिनके कारण वह कक्षा में फेल हो गया। यदि देखा जाए, तो इसमें टोपी की भी कोई गलती नहीं थी। मगर घर तथा विद्यालय में उसके साथ तीन बार फेल हो जाने पर बुरा व्यवहार किया जाने लगा। यह उचित नहीं था। मास्टरों द्वारा उसे अनदेखा किया जाने लगा। यदि वह किसी प्रश्न का उत्तर देना चाहता तो मास्टर जी उसे यही कहते कि तुम्हें इसी कक्षा में तीन साल हो गए हैं। इन्हें नई कक्षा में जाना है। अत: तुमसे बाद में पूछ लेंगा। यह बहुत अपमानजनक थी। मास्टर जी को उसे पूरा सहयोग देना चाहिए। यह जानने का प्रयास करना चाहिए था कि ऐसा क्या हुआ, जो बुद्धिमान बालक कमजोर हो गया। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। उसके साथ के बच्चों ने उसका अपमान किया। उस पर हँसते थे। इससे उसका दिल दुखता था। यह उचित नहीं था। घरवाले भी ऐसे ही थे। उन्होंने भी उसका साथ देने के स्थान पर उसका मजाक उड़ाया। यह कहँ का न्याय है। हमारे जीवन मूल्य हमें साथ देना और प्यार करना सिखाते हैं। ऐसे बच्चों को तो हमें बहुत प्यार और साथ देने की आवश्यकता है।

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