padyansh ki sandarbh sahit vyakhaya kijiye
(ग) मुझे स्मरण है
और चित्र प्रत्येक
स्तब्ध, विजड़ित करता है मुझको।
सुनता हूँ मैं
पर हर स्वर-कम्पन लेता है मुझ को मुझ से सोख-
वायु-सा नाद-भरा उड़ जाता हूँ मैं।
मुझे स्मरण है-
पर मुझ को मैं भूल गया हूँ सुनता हूँ मैं-
पर मै मुझ से परे, शब्द में लीयमान ।
मैं नहीं, नहीं! मैं कहीं नहीं! ओ रे तरु! ओ वन !
ओ स्वर-सम्भार? नादमय संसति !
Answers
Answered by
0
Explanation:
ओके भाई तुम्हारा हूं सर प्लीज गिव मी फ्रेंड लिस्ट ओके प्लीज प्लीज प्लीज
Similar questions