Social Sciences, asked by ks5819463, 22 days ago

Pago No.: बोल्शेषिक पार्टी नेता?​

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Answered by sprsaurabh
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इतिहास के दबाव कई तरह से बनते हैं इतिहास की व्याख्या कई बार राजनैतिक माया से भरी होती है। यह मनोरंजन की जगह ही नहीं एक बड़ा शस्त्रागार भी है। धर्म, जातिवाद और अपनी विरासत का गर्व लेकर इतिहास में सेंध लगाना अब आसान हो गया है। आज 'नागरिक', 'मनुष्य और वर्ग की अवधारणाओं पर अब तीखे हमले छाए हैं। ये इतिहास के दबाव से होते हैं। एक ही घटना की कई व्याख्याएँ होती है। आज का मनुष्य कई व्याख्याओं के बीच जी रहा है। चारों तरफ लूट-मार और हिंसा के अलावा एक धुंधलापन है। नवजागरण की एक बड़ी देन है, बौद्धिक स्वतंत्रता, इतिहास को देखने की बौदधिक स्वतंत्रता यदि नवजागरण काल के लोगों में धर्मसत्ता और राजसत्ता के नजरिए से ऊपर उठकर देखने की बौदधिक शक्ति नहीं आती तो उनमें भेदभाव की जंजीर से मुक्त होने की इतनी बेकरारी पैदा नहीं होती। आज धर्मसत्ता और राजनैतिक सत्ता के अलावा बाजार सत्ता भी है इतिहास के ही दबाव नहीं है, इतिहास पर भी दबाव है। यही कारण है कि इतिहास और वर्तमान का संवाद आज जितना कठिन कभी नहीं था।

प्रश्न 1 कई बार इतिहास को व्याख्या किससे भरी होती है?

(क) दबावों से (ग) मनोरंजन से

((ख) राजनैतिक माया से

(घ) शस्त्रागारों से

प्रश्न 2- नागरिक, मनुष्य और वर्ग को अवधारणा पर तीखे हमले कैसे होते हैं?

(क) धर्म से

(ग) जातिवाद से

प्रश्न 3 नवजागरण की बढ़ी देन क्या है?

(क) कई व्याख्याएँ (ग) एक धुंधलापन

(ख) इतिहास के दबाव से

(घ) इतिहास में सेंध से

(ख) अवधारणाओं पर हमले (घ) बौदधिक स्वतंत्रता

प्रश्न 4 नवजागरण काल के लोगों में भेदभाव की जंजीर से मुक्त होने को बेकरी क्यों है?

(क) नवजागरण काल के आने से

(ख) धर्मसत्ता और राजसत्ता से ऊपर उठकर देखने से

(ग) इतिहास पर दबाव होने से (घ) इतिहास देखने की बौद्धिक स्वतंत्रता होने से।

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