पहेली ने सुना था कि वर्षा का जल उतना ही शुद्ध है जितना कि आसुत जल। इसलिए उसने एक स्वच्छ काँच के बर्तन में कुछ वर्षा का जल एकत्रित करके संपरीक्षित्र से उसका परीक्षण किया। उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि चुंबकीय सुई विक्षेप दर्शाती है। इसका क्या कारण हो सकता है?
Answers
ये बात पूरी तरह सत्य है कि वर्षा का जल आसुत जल की तरह ही शुद्ध होता है, लेकिन हमारे वायुमंडल में अनेक तरह की अशुद्धियां व्याप्त हैं, वर्षा का जब बादलों से बरसना शुरु होता है तो वो एकदम शुद्ध रूप में ही होता है, लेकिन नीचे धरती पर आते-आते उसमें वायुमंडल में व्याप्त अशुद्धियां मिल जाती हैं। दूसरे जब पहेली ने परीक्षण किया तो हो सकता उस पात्र में कुछ अशुद्धियां हो जिसमें जल रखा गया, इस कारण जल अशुद्ध हो सकता है।
परन्तु ये बार पूर्णतः सत्य है कि वर्षा का जल भी आसुत जल की तरह शुद्ध होता है।
Explanation:
Answer with Explanation:
पहेली ने सुना था कि वर्षा का जल उतना ही शुद्ध है जितना कि आसुत जल। इसलिए उसने एक स्वच्छ काँच के बर्तन में कुछ वर्षा का जल एकत्रित करके संपरीक्षित्र से उसका परीक्षण किया। उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि चुंबकीय सुई विक्षेप दर्शाती है।
कारण :
हालांकि बारिश का पानी आसुत जल के समान शुद्ध होता है, लेकिन यह वायुमंडल में निलंबित अशुद्धियों से दूषित हो सकता है। ये अशुद्धियाँ वर्षा के पानी को बिजली का बेहतर संवाहक बनाती हैं। यही कारण है कि कम्पास सुई विक्षेपण दिखाती है।