Hindi, asked by ujjaini06, 2 days ago

पहाड़ों पर पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों का जीवन अधिक कठिनाइयों से भरा है। इन कठिनाइयों का निवारण के कर्तव्य परायणता से ही करती है- पाठ साना-साना हाच जोड़' के आधार पर स्पष्ट कीजिए​

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Answered by jahnobidasgupta1
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महिलाओं के कर्तव्य भी पुरुषों के समान होने चाहिए

jara sochiye

Jara Sochiye

समाज में व्याप्त विक्रतियों को संज्ञान में लाना और उनमे सुधार के प्रयास करना ही मेरे ब्लोग्स का उद्देश्य है.

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यदि महिलाओं की समानता की बातें की जाती हैं,अनेक आन्दोलन चलाये जाते हैं,तो बेटियों एवं महिलाओं को परिवार के बेटे के समान दायित्वों का भार भी समान रूप से दिया जाना चाहिए.अन्यथा भाई बहनों के रिश्तों में खटास आनी स्वाभाविक है,उनमे आपसी द्वेष भाव बढ़ने की पूरी सम्भावना है.यह खटास महिलाओं को अपने अधिकारों की लडाई में असफल कर सकता है.उन्हें पुरुषों के समान सम्मान और समान अधिकार मिलने संभव नहीं हो सकते.

प्रस्तुत हैं कुछ व्याहारिक उदाहरण जिनके कारण समानता के अधिकारों की मांग निरर्थक लगती है. अधिकार के साथ कर्तव्यों के लिए भी आगे आना चाहिए;-

बेटियों को माता पिता का अंतिम संस्कार की इजाजत आज भी हमारा समाज नहीं देता.यहाँ तक यदि मृतक का कोई पुत्र नहीं है, तो भी बेटी को अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जाता.धार्मिक मान्यता अड़चन बन जाती है.(यद्यपि कुछ ख़बरें आने लगी हैं की पुत्र के अभाव में बेटी ने पिता का अंतिम संस्कार किया परन्तु इस प्रकार के उदाहरण बहुत कम ही मिलते हैं.)ation:

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