Hindi, asked by pankaj232373, 9 months ago

"पहले" अक्सर का पद परिचय​

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Answered by s1249kamal9983
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Answer:

पद-परिचय’- को कई नामों से जाना जाता है—वाक्य-विवरण, पद-निर्देश, पद-निर्णय, पद-विन्यास, शब्दबोध, पदान्वय, पद-विश्लेषण, पदच्छेद आदि। “वाक्य में प्रयुक्त पदों को बिलगाने, लिंग-वचन आदि को बिखराने और दूसरे पदों से उनके संबंध बताने को ही ‘पद-परिचय कहते हैं।” वाक्य में किसी पद का क्या स्थान है? वह संज्ञा, सर्वनाम, विस्मयादिबोधक आदि में से क्या है तथा उसका भी आगे कौन-सा उपभेद है, यह जानना अत्यावश्यक है, तभी उसके बारे में पूर्ण विवरण दिया जा सकता है।

1. संज्ञापद का परिचय

किसी संज्ञापद का परिचय देने के लिए निम्न बातें लिखी जानी चाहिए :

1. संज्ञापद किस भेद में है

2. उसका लिंग-वचन-कारक-पुरुष

3. वाक्य में अन्य पदों से उसका संबंध

4. वाक्य के अंगों में वह क्या काम कर रहा है

नीचे लिखे उदाहरणों को ध्यानपूर्वक देखें

1. आशु रामानुज की पुत्री है।

आशुः व्यक्तिवाचक संज्ञा है।

स्त्रीलिंग, एकवचन और अन्यपुरुष है।

‘है’ क्रिया का कर्ता है।

वाक्य का उद्देश्य है।

2. कहते हैं, बुढ़ापा बचपन का ही पुनरागमन है।

बुढ़ापा : भाववाचक संज्ञा है।

पुंल्लिग, एकवचन और अन्यपुरुष है।

है क्रिया का कर्ता है।

वाक्य का उद्देश्य है।

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