पहली बार्बी डॉल बाजार में कब आई थी?
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On March 9 1959........
तब रुथ हैंडलर अपने पति इलियट हैंडलर के साथ गुड़िया घर के लिए फर्नीचर बनाती थीं। एक दिन उन्होंने देखा कि उनकी बेटी बारबरा और उनकी सहेलियां कार्ड बोर्ड की गुड़ियों से खेलते वक्त बड़ी खुश थीं व उस गुड़िया में अपने बड़े होने की छवि देख रही थीं। वे उस गुड़िया का ऐसे ध्यान रखती थीं, जैसे कि बड़े होने पर अपना ध्यान रखने वाली थीं। बारबरा और उसकी सहेलियां कार्ड बोर्ड की गुड़िया को बढ़िया से बढ़िया पोशाकें पहनातीं और उसका आकर्षक मेकअप करतीं। यह देखकर रुथ ने उन लड़कियों से पूछा कि क्या उन्हें इस तरह की गुड़िया बहुत पसंद है। तुरंत सभी लड़कियां बोलीं, ‘बहुत! काश ऐसी गुड़िया सचमुच की होती तो कितना अच्छा होता।
फिर क्या था। रुथ ने अपनी बेटी और उसकी सहेलियों के सपनों को पूरा करने की ठान ली। उन्होंने जगह-जगह पर तरह-तरह की गुड़ियों को देखा और फिर स्वयं अपनी कल्पना अनुसार गुड़िया बनाने की सोची। हालांकि हैंडलर को जल्द ही पता चल गया कि उत्पादन की लागत अधिक होने के कारण उन्हें गुड़ियों को जापान में बनवाना होगा। हैंडलर जापान गईं और अलग-अलग खिलौना उत्पादकों से कई सालों तक कई प्रयोग कराए। आखिरकार वे तीन डॉलर में एक गुड़िया बनाने में कामयाब हो गए।
हालांकि गुड़िया को पोशाकों के साथ बनाना काफी महंगा था, लेकिन रुथ ने हार नहीं मानी। वयस्क गुड़िया बनाने के कारण उनकी आलोचना भी हुई, लेकिन वे बेपरवाह रहीं। गुड़िया का नाम अपनी बेटी बारबरा के नाम पर बार्बी रखा। बाजार में आते ही बार्बी सुपरहिट रही और जल्द ही उनकी कंपनी मैटल अमेरिका के सबसे बड़े खिलौना उत्पादकों में से एक बन गई। पांच साल बाद ही मैटल की सालाना बिक्री 100 मिलियन डॉलर हो गई और इसे पहली बार ‘फॉर्च्यून 500’ में सूचीबद्ध किया गया। इस तरह तमाम अटकलों के बावजूद रुथ के बार्बी ने तहलका मचा दिया।