पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि-‘ये धागे/क्यों हैं मेरे पीछे-आगे?/इन्हें तोड़ दो;/मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।’-तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि-‘ये कैसी इच्छा/मेरे मन में जगी?’ नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए-
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क्योंकि कठपुतली धागे के सहारे से ही तो चलती है यदि धागे ही नही रहेंगे तो कठपुतली कएसे चलेगी । वो तो स्थिर हो जायेगी
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