Hindi, asked by sujitudaysingh5781, 5 hours ago

पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि-‘ये धागे / क्यों हैं मेरे पीछे-आगे? / इन्हें तोड़ दो; / मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।’ -तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि-‘ये कैसी इच्छा / मेरे मन में जगी ?’ नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए
• उसे दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी महससू होने लगी।
• उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी।
• वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगी।
• वह डर गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी।

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Answered by rinkisingh9852956078
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Answer:

पहली कठपुतली गुलामी का जीवन जीते-जीते दुखी हो गई थी। धागों में बँधी कठपुतलियाँ दूसरों के इशारे पर नाचना ही अपना जीवन मानती हैं लेकिन एक बार एक ने विद्रोह कर दिया। उसके मन में शीघ्र ही स्वतंत्र होने की लालसा जाग्रत हुई, अतः उसने आजादी के लिए अपनी इच्छा जताई, लेकिन सारी कठपुतलियाँ उसके हाँ में हाँ मिलाने लगी और उनके नेतृत्व में विद्रोह के लिए तैयार होने लगी, लेकिन जब उसे अपने ऊपर दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी का अहसास हुआ तो वह डर गई, उसे ऐसा लगने लगा न जाने स्वतंत्रता का जीवन भी कैसा होगा? यही कारण था कि पहली कठपुतली चिंतित होकर अपने फैसले के विषय में सोचने लगी।

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