Hindi, asked by kumaririnku7680, 3 months ago

पहले लेखक प्रेमचंद के साधारण व्यक्तित्व को परिभाषित करना चाहते हैं कि ख़ास समय में ये इतने साधारण हैं तो साधारण मौकों पर ये इससे भी अधिक साधारण होते होंगे। परन्तु फिर बाद में लेखक को ऐसा लगता है कि प्रेमचंद का व्यक्तित्व दिखावे की दुनिया से बिल्कुल अलग है क्योंकि वे जैसे भीतर हैं वैसे ही बाहर भी हैं।

class 9 hindi
प्रेमचंद के फटे जूते ​

Answers

Answered by vikki50
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Answer:

I am in class 11 how can I help you I am very sorry .

Answered by 7053400280
0

Answer:

kyunki premchandra bahut bahut buddhiman aur sadharan the

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