पहले विश्व युद्ध ने भारत में राष्ट्रीय आंदोलन के विकास में किस प्रकार योगदान दिया ?
Answers
योगदान दिया -
(i) प्रथम विश्व युद्ध 1914-18 ई तक चला। इस काल में भरतीय राष्ट्रिय आंदोलन को गति मिली। साथ ही साथ राष्ट्रीय राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा।
(ii) अंग्रजोें ने भरतीयों से पूछे बिना भारत को युद्ध में एक पार्टी बना दिया साथ ही साथ भारत के संसाधनों का अपने हित के लिए धडल्ले से प्रयोग किया इससे भारतीयों में अंग्रेजो के प्रति विरोध करने का जज्बा पैदा हुआ।
(iii) यद्यपि मुस्लिम लीग अंग्रजी सरकार की बांदी थी, परन्तु प्रथम महायुद्ध के घटनाओं के कारण इसे कांग्रेस के समीप आना पड़ा, जिससे राष्ट्रीय आंदोलनों में काफी सहायता मिली।
(iv) इस महायुद्ध के कारण मुस्लिम विशेषकर मुस्लिम लीग अंग्रेजों के विरूद्ध हो गये, क्योंकि महायुद्ध की समाप्ति के बाद मित्र राष्ट्रों ने तुर्की के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया।
World War I was contested from 1914 to 1918 and persisted for approximately 52 months. It was fought among three-continent of Europe, Asia, and Africa in three continents. World War 1 accommodated in the maturity of the Indian national progress in the subsequent methods:
World War 1 produced legislative and commercial locations in India. To coincide the expense of the conflict, the British area governing India preceded taxes, for example, customs duties and income tax.
To provide the volunteers for the war, the villagers were summoned upon to accompany armies energetically and this directed to the excitement among the people. On the other side, Crop bankrupt and wellness problems prolonged anger. Thus certain circumstances result in the growth of the national movement in the nation.