पहलवान की ढोलक’ के आधार पर साधनहीन ग्रामीणों के जीवन पर टिप्पणी कीजिए |
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इस गद्यांश में लेखक ने चित्रात्मक व आलंकारिक भाषा का प्रयोग किया है। रात का मानवीकरण किया गया है। वह मानव की तरह शोक प्रकट कर रही है। मिश्रित शब्दावली है। खड़ी बोली में सशक्त अभिव्यक्ति है।
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