Hindi, asked by vamsisudha8215, 7 months ago

Pahredar ki hatya hone par sisupal ki stithi kedi ho gayi

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Answered by Anonymous
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इस विषय में देशी-विदेशी इतिहासवेत्ताओं के अलग-अलग मत हैं कि मानव समाज का आदि सृष्टि-स्थान कौन-सा है? किन्हीं का कथन है कि सर्वप्रथम उत्तरी-ध्रुव में मानव-सृष्टि हुई, किसी-किसी के मत से मध्य-ऐशिया की भूमि आदि सृष्टि-स्थान जान पड़ती है। कोई-कोई यह भी कहता है कि अखिल मानव-समाज का उद्गम स्थान सिन्धु-सरस्वती के बीच का प्रदेश है। लोकमान्य तिलक ने उत्तरी-ध्रुव में सबसे पहले सृष्टि हुई मान कर, ‘भारतीय आर्यो का’ कास्पियन तट और ईरान के प्रदेशों से गुजरते हुए पंजाब में आना सिद्ध किया है। महाराष्ट्र-देश के प्रसिद्ध विद्वान् नारायण भवनराव पावगी भारतीय आर्यो का मूलस्थान सप्त-सिन्धु मानते हुए सिद्ध करते हैं कि ‘उत्तर ध्रुव तथा अन्य प्रदेशों में भारतीय आर्य उपनिवेश बसाने गये थे और जल-प्रलय के बाद वे भारत में लौट आये। इसी आगम-यात्रा को लोग भ्रम से आर्यों का विदेश से भारत में आना सिद्ध करते हैं’। बात कुछ भी हो, लेकिन निम्न बातों से प्रायः सभी का मत लगभग एक-सा है कि -

1. ईरान, यूरोप और ऐशिया की अधिकांश आबादी आर्य नस्ल की है,

2. वैदिक सभ्यता का प्रभाव सारे संसार के देशों की सभ्यता पर आच्छादित है,

3. भारतीय और ईरानियों का निकटतम सम्बन्ध है,

4. अति प्राचीन काल में काबुल, कन्दहार और तुर्किस्तान तथा तिब्बत का पश्चिमी हिस्सा भारत में शामिल थे,

5. इत्री, कूशी, यूनानी, लातिनी, आंग्ल आदि भाषाओं की जननी आदि-संस्कृत है,

6. धर्म, नीति और विज्ञान का प्रचार करने को भारतीय आर्य विदेशों में गये थे,

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