Hindi, asked by arnavkhadse11, 3 months ago

(२)
पको निम्नलिखीत पदयांश पढकर पाच प्रश्न तैयार किजीए
नारी ईन्चा की देन है और ईश्वर की बेटी है भगवान के बाद हमनी के ही देनदार है जिदगी देने के लिए और फिर जिंदा याय
बनाने के लिए वह माता के समान हमारी रक्षा करती है तथा मित्र और यूरू के समान हमें शुभ कार्यों के लिए पेरीत करती है | नारी का त्याग
और बलिदान भारतीय संस्कृती की अगत्व निधि है। परंतु ईश्वरीय प्रवृत्ती एवं ईशय दवारा किसी भी नारी से किया गया असामयिक कर मजाक
व्स होता है जब, नारी का सर्वेसर्वा, मार्गदर्शक उसका भविष्य निर्माता उसे असीम दुनिया में नितांत अकेली छोडकर अनायस काल कवलित हो
जाता है विधवा हो जाने पर उसे जीवनपर्यंत दूसरो पर आश्रित रहना होता है तथा संसार की सभी बहारो रंगीनियो से उसे वंचित किया जाता है
सवार की बात है कि हमारे भारत में कुछ विधवा विवाह होने लगे है परंतु समाज ने इस पद्धति को पूर्ण रूप से स्विकार नहीं किया
है जोग विधया को लेने श देने दोनों में ही हिचकिचाने है विध्या -विवाह एक गौरव की बात है, जो समाज की शुद्धता और देशोन्नती के​

Answers

Answered by surya5299
11

Answer:

tex]\bold[my self sankeerth](/trx]

Similar questions