पक्ष 3. अरुण तिलक दिये भाल ' में ' भाल ' का
शाब्दिक अर्थ क्या है ?
O (क) माथा
O O
(ख) होंठ
O O
(ग) हृदय
(घ) पाँव
Answers
Answer:
i think घ is right answer
ये दोहे की शुरुआती पंक्तियाँ, जिसमें मीराबाई कहती हैं, "हे कृष्ण! आपके सिर पर मोर पंख का मुकुट है, कानों में बालियाँ हैं, और आपके माथे पर चमकता हुआ एक भव्य तिलक है जो चमक रहा है। यह स्पष्ट है कि "भाल" का अर्थ है इस संदर्भ में सिर के लिए, इसलिए "बालों" का शाब्दिक अनुवाद "माथे" होगा।
मीरा बाई एक दोहे में लिखती हैं, हे कृष्ण, तुम सदा मेरी आंखों में बसते हो। मैं प्रार्थना करता हूं कि मैं आपको हमेशा इसी रूप में देखूं। हे भगवान, आपके माथे पर एक लाल तिलक लगाया जाता है, और आपके प्रत्येक कान में एक मोर का मुकुट और एक मैक्रम कुंडल होता है। हे प्रभु, आपका रूप प्यारा है। आपकी बड़ी-बड़ी आंखों और सांवले चेहरे से आपकी खूबसूरती निखरती है। हे कृष्ण, आपके होठों पर अमृत छिड़कने वाली मुरली कितनी प्यारी है। छाती पर बैजन्ती की माला शोभायमान होती है।
मेरे भगवान श्री कृष्ण मधुर, सुमधुर नाद करने वाली नूपुर और कमर में एक छोटी-सी घंटी से सुशोभित हैं। मीरा बाई का दावा है कि संतों को प्रसन्न करने वाले और अपने अनुयाइयों को पूजने वाले मेरे प्रभु हैं।
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