Hindi, asked by niranjan6545, 8 months ago

पक्षियों को मनुष्य का कौन-सा क्रियाकलाप पसंद नहीं है? (हम पंछी उन्मुक्त गगन के)

हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता में पक्षियों का खान -पान क्या है?

पक्षी मनुष्य को उसके किस कार्य में बाधा उत्पन्न न करने के लिए कह रहा है? (हम पंछी उन्मुक्त गगन के)

पिंजरे में पक्षियों को क्या-क्या कष्ट हैं? (हम पंछी उन्मुक्त गगन के)

पक्षी ऊँची उड़ान हेतु क्या-क्या न्योछावर करने को तैयार हैं?

पक्षी सोने की कटोरी की मैदा से कड़वी निबौरी को क्यों अच्छा बताता है?

पिंजरे में बंद पक्षी खुश क्यों नहीं हैं? (हम पंछी उन्मुक्त गगन के)​

Answers

Answered by 7091955080
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Answer:

1. पक्षियों को मनुष्य के द्वारा उन्हें पिंजरे में बंद करना, लगातार जंगलों को काटना और पक्षियों का शिकार करना पसंद नहीं हैं।

2. हम पंछी उन्मुक्त गगन कविता में पक्षियों का खानपान कटुक निबोरी है।

3. पक्षी मनुष्य को उसके उड़ने में बाधा न उत्पन्न करने के लिए कह रहा है।

4. पिंजरे में पक्षियों के पंख पिंजरे की तीलियों से टकराकर टूट जाते हैं और पक्षी उड़ने से वंचित रह जाते हैं इतने छोटे से पिंजरे में पक्षी अपना पंख भी फड़फड़ा नहीं सकते उनकी अभिलाषा है कि वे खुले आसमान में स्वच्छंद भ्रमण करें लेकिन पिंजरे में यह संभव नहीं।

5. पक्षी खुले आसमान में स्वच्छंद भ्रमण करने के लिए खाना पानी और यहां तक की अपना आश्रय भी न्योछावर करने को तैयार हैं।

6. पक्षी सोने की कटोरी की मैदा से कटुक निबोरी को अच्छा बताते हैं क्योंकि कटुक निबोरी उन्हें स्वच्छंद भ्रमण करते हुए मिलती है उन्हें सोने की कटोरी की मैदा नहीं चाहिए बल्कि उन्हें आजादी चाहिए उन्हें पराधीनता का जीवन मंजूर नहीं।

7. पिंजरे में पक्षी पराधीनता का जीवन व्यतीत कर रहे हैं, वे अपने साथियों से बिछड़ चुके हैं, उन्हें खुले आसमान में स्वच्छंद भ्रमण करने को नहीं मिल रहा है और उन्हें तरु की फुगनी के झूले झूलने का मौका इस छोटे से पिंजरे में नहीं मिल रहा है।

Answered by abhishekchaurasia051
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pakshiyon ko manusya ka kon sa kriyakalap pasand nahi bai

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