पक्षियों को पिंजरे में बंद कैद नहीं रखना चाहिएl उपदेश देते हुए छोटे भाई को पत्रl
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२५,आवाज़ कॉलोनी,
काशीपुर,
दिनांक:________
प्रिय भाई,
स्नेह!
कल ही मुझे तुम्हारे दोस्त का पत्र मिला।पत्र के माद्यम से यह जान कर मुझे अत्यंत दुःख हुआ की तुम्हारा जानवरो के प्रति व्यव्हार बिलकुल भी ठीक नहीं है।तुम जब भी चिड़िया घर जाते हो वहाँ पशु पक्षिओं को पत्थर मरते हो।तुम अपने इस व्यव्हार को बदल लो । यह बिलकुल भी ठीक आदत नहीं है।आशा करती हूँ तुम मेरी बात को सही तरीके से समझोगे की जानवर हमारे मित्र होते है ।
तुम्हारी बहन
Answer:
परीक्षा भवन
क ख ग
तिथि.......
प्रिय अनुज
तुम कैसे हो मैं यहां ठीक हूं आशा करता हूं कि तुम ठीक हो. मुझे कल ही माता का पत्र मिला पत्र को पढ़कर पता चला कि तुम्हें पक्षी पाला है. तुमसे पिंजरे में कैद करो रखते हो.
बड़े भाई होने के नाते मुझे तुम्हें समझने का पूरा अधिकार है
प्रिय अनुज जिस प्रकार तुम्हें अपनी आजादी से प्रेम है उसी प्रकार इन पक्षियों को भी अपनी आजादी अच्छी लगती है उन्हें भी चल का बहता पानी पीना अच्छा लगता है.
और हम छोटी कक्षाओं से ही पढ़ते आ रहे हैं कि पक्षियों को भी पूरा स्वतंत्र रहने का अधिकार है.
कृपया मेरे कहने पर तुम इस पक्षी को छोड़ दो. पक्षियों को पिंजरे में कैद करके नहीं चाहिए.
मुझे आशा है कि तुम अपने बड़े भाई की बात समझ गए होंगे.
तुम्हारा भाई
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