Hindi, asked by meenapiyush1678, 23 hours ago

पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आजादी का हनन ही नहीं होता ,अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है | इस विषय पर 10 पंक्तियों में अपने विचार लिखिए

एंड प्लीज फॉलो मी​

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Answered by r8817455
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पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए। उत्तर:- पक्षियों को पिंजरों में बंद करने से सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण में आहार श्रृंखला असंतुलित हो जाएगी। जैसे घास को छोटे कीट खाते हैं तो उन कीटों को पक्षी।यदि पक्षी न रहे तो इन कीटों की संख्या में वृद्धि हो जाएगी जो हमारी फसलों के लिए उचित नहीं है। इस कारण पर्यावरण असंतुलित हो जाएगा। पक्षी जब फलों का सेवन करते हैं तब बीजों को यहाँ वहाँ गिरा देते हैं जिसके फलस्वरूप नए-नए पौधों पनपते हैं। कुछ पक्षी हमारी फैलाई गंदगी को खाते हैं जिससे पर्यावरण साफ़ रहता है यदि ये पक्षी नहीं रहेंगे तो पर्यावरण दूषित हो जाएगा और मानव कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाएगा अत: जिस प्रकार पर्यावरण जरुरी है, उसी प्रकार पक्षी भी जरुरी हैं।

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Answered by bhatiamona
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पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आजादी का हनन ही नहीं होता अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है।

व्याख्या :

पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से हम उनकी आजादी का हनन करते हैं और अपने पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं, क्योंकि पक्षी पर्यावरण के लिए संजीवनी का काम करते हैं। वह पर्यावरण को सुंदर करते हैं और पर्यावरण के संरक्षण में अपना योगदान देते हैं। पक्षियों के कलरव से प्रकृति की सुंदरता बढ़ती है। पक्षी उन कीटों को खा जाते हैं जो वनस्पति-फसल आदि को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे वनस्पति को लाभ होता है। पक्षी फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को भी खा जाते हैं। पक्षी फलों का सेवन करते हैं और उनके बीज जगह-जगह फैला देते हैं, जिससे पौधों का प्रचार प्रसार होता है। पक्षी अपशिष्ट पदार्थों का भक्षण करके पर्यावरण की सफाई करते हैं। पक्षी पर्यावरण संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते है।

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