पक्षियों का प्रवास मुख्य रूप से कहां देखने को मिलता है
Answers
Explanation:
उपरोक्त शोधकर्ता ने बताया कि रहवासी पक्षी चंबल नदी में रहकर प्रजनन करते हैं, जबकि प्रवासी पक्षी अधिक सर्दी की वजह से बर्फीले इलाकों को छोड़कर चंबल नदी में अपना समय व्यतीत करने आते हैं। भोजन की तलाश में आए प्रवासी पक्षी नदियों के संगम, घूम या गहरे पानी को अपना ठिकाना बनाते हैं।
Answer:
जंगल से सटी नगरा झील रंग-बिरंगे मेहमान पक्षियों से गुलजार होने लगी है। सर्दियों की दस्तक के साथ ही ठंडे देशों से हजारों किलोमीटर की लंबी उड़ान भरकर मेहमान पक्षी नवंबर के दूसरे सप्ताह में ही यहां आने लगे हैं। जिले की धरती भी इन मेहमानों के स्वागत में सजी-संवरी सी नजर आ रही है। हर तरफ फैली हरियाली, खिले फूल और उनके बीच झील के शांत पानी में रंग-बिरंगे विदेशी परिंदे अलग ही छटा बिखेर रहे हैं।
सर्दियों की आहट के साथ ही ठंडे देशों से आए प्रवासी पक्षियों ने मैलानी रेंज की महुरैना बीट से सटी नगरा झील, जिसे धनुषाकार होने के कारण धनुहा झील भी कहते है, को अपना बसेरा बना लिया है।
सर्दियों की आहट के साथ ही ठंडे देशों से आए प्रवासी पक्षियों ने मैलानी रेंज की महुरैना बीट से सटी नगरा झील, जिसे धनुषाकार होने के कारण धनुहा झील भी कहते है, को अपना बसेरा बना लिया है।
नगरा झील में मुख्य रूप से यूरोप, मध्य एशिया, पूर्वी साइबेरिया, चीन, लद्दाख, तिब्बत से खूबसूरत पक्षी आते है। इसमें स्पाट बिल्ड, डक, रेड क्रस्टेड पोचर्ड, ग्रे लेग ग्रूस, बार हेडेड ग्रूस, टस्टेड डक, कामन टील, पिन टील, ब्राह्म्नी डक, कूट, मूर हेन, अबलक, कुर्चिया बत्तख, समेत बीसों प्रजातियों के पक्षी हर साल यहां आते है।
Explanation:
पक्षियों का प्रव्रजन या पक्षियों का प्रवास (Migration) पक्षीविज्ञान का बहुत महत्वपूर्ण अंग है। उनका यह प्रव्रजन, ऋतुपरिवर्तन के समान नियमित और क्रमिक होता है और युग-युग से यह मनुष्यों में उत्सुकता और जिज्ञासा उत्पन्न करता रहा है, यहाँ तक कि रेड इंडियनों ने अपने कलेंडर के महीनों के नाम प्रव्रजन करनेवाली चिड़ियों के आगमन पर ही रखा है।