पक्षियों और प्रकृति पर आधारित तीन कविता लिखें
Answers
पक्षियों और प्रकृति पर आधारित कविताएँ।
Explanation:
कविता १:
कौन देस से आए ये पंछी
कौन देस को जाएंगे
क्या-क्या सुख लाए ये पंछी
क्या-क्या दुख दे जाएंगे
पंछी की उड़ान औ’ पानी
की धारा को कोई सहज समझ नहीं पाता
पंछी कैसे आते हैं
पानी कैसे बहता है
अगर कोई समझता है भी
मुझको नहीं बतलाता है।
कुमार विकल
कविता २:
मैं पंछी आज़ाद मेरा कहीं दूर ठिकाना रे।
इस दुनिया के बाग़ में मेरा आना-जाना रे।।
जीवन के प्रभात में आऊँ, साँझ भये तो मैं उड़ जाऊँ।
बंधन में जो मुझ को बांधे, वो दीवाना रे।। मैं पंछी…
दिल में किसी की याद जब आए, आँखों में मस्ती लहराए।
जनम-जनम का मेरा किसी से प्यार पुराना रे।। मैं पंछी…
कविता 3:
कौन सिखाता है चिड़ियों को,
ची ची ची ची करना ?
कौन सिखाता फुदक फुदक कर,-
उनको चलना फिरना ?
कौन सिखाता फुर्र से उड़ना,
दाने चुग-चुग खाना ?
कौन सिखाता तिनके ला ला,
कर घोंसले बनाना ?
कुदरत का यह खेल वही,
हम सबको, सब कुछ देती,
किन्तु नहीं बदले में हमसे,
वह कुछ भी है लेती ||
द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
कृपया ध्यान दें कि ये कविताएं मेरी नहीं हैं। मैंने उन्हें इंटरनेट पर पाया।
Explanation:
पेड़ों पर को दिखती है कभी
और कभी पानी में नहाती
कभी तो पंखों को फैला कर अपने
दूर आसमान में उड़ जाती
ओरी चिड़िया
क्यों डरती हो तुम मुझसे
पास क्यों नहीं आती
अगर मैं पास तुम्हारे आती
झट से क्यों आसमान में उड़ जाती
शायद यह पेड़ और पक्षी है तुम्हारे सच्चे मित्र
इसलिए तो यह प्रकृति ही
तेरे मन को भाती