पक्षियों से रहित वातावरण में कौन-कौन सी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं
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जागरण संवाददाता, हापुड़ :
बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिकीकरण की वजह से पेड़ लगातार कम हो रहे हैं। बाग-बगीचे और खेती को खत्म कर बहुमंजिला इमारतें बनाई जा रही हैं। वहीं, जलीय पक्षियों के आवास भी सुरक्षित नहीं है। इन्हें बचाने के लिए शासन स्तर से लेकर आम जन सभी का सहयोग जरूरी हो चला है। पशु-पक्षी प्रेमी भी इस ओर लगातार सराहनीय कदम उठा रहे हैं, लेकिन आम जन के बिना इन्हें बचाने की मुहिम बहुत पिछड़ती जा रही है।
पशु-पक्षी लोगों की जीभ की भेंट तो लगातार चढ़ ही रहे हैं, जलवायु परिवर्तन के कारण भी इनकी संख्या लगातार कम हो रही है। बढ़ते तापमान और पेड़-पौधों की संख्या कम होने से यह प्राणी विलुप्त होते जा रहे हैं। वहीं, कानून की धज्जियां उड़ाते हुए पेड़-पौधों को काटा जा रहा है तो विभिन्न रसायनों के प्रयोग से पक्षियों की मौत हो रही है। जहरीले भोजन या पक्षियों की त्वचा के माध्यम से जहर इनके शरीर में पहुंचकर सबसे अधिक मौत का कारण बन रहे हैं।उधर, गर्मी की तपन से इन्हें बचने के लिए जिस तरह इंसान को शुद्ध पानी और वायु की जरूरत होती है। उसी प्रकार गर्मी में पशु, पक्षियों के लिए पानी का इंतजाम लोग करते हैं, ताकि पक्षियों को भी जीवन मिल सके। कई लोग अपने घरों की छतों पर बर्तन में पानी रखते हैं तो ऐसे भी लोग हैं, जो पक्षियों के लिए नियमित रूप से दाना डालते हैं। यह अलग बात है कि शहर में पक्षियों को अब सुरक्षित जगह कम ही मिल पा रही है। फिर भी जहां-जहां इन्हें पानी तथा दाना नजर आता है। वे सुबह, शाम आ ही जाते हैं।
प्रत्येक व्यक्ति मिट्टी के बर्तन को अपनी छतो व घर के बाहर रखे, और इसमे सुबह और शाम के समय पानी भरे साथ ही आसपास दाना डाले। जिससे कि गर्मी में प्यास लगने पर पक्षी अपनी प्यास बुझा सकें और खाना खा सके।
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पक्षी प्रकृति के सबसे खूबसूरत उपहारों में से एक है। पक्षी पृथ्वी की जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करते हैं। इसलिए हमें विभिन्न प्रकार के पक्षियों को विलुप्त होने से बचाने की जरूरत है। पक्षियों के बिना कई समस्याएं होंगी।
- पक्षी पौधों के परागण में मदद करते हैं। 'हमिंगबर्ड' और 'हनीइटर्स' पौधों के परागण में एक बड़ा योगदान देते हैं, विशेष रूप से उच्च ऊंचाई या गर्म जलवायु में। मनुष्यों द्वारा भोजन या दवा के लिए उपयोग किए जाने वाले लगभग 5% पौधों को पक्षियों द्वारा परागित किया जाता है।
- पक्षी प्रकृति से कई तरह के कचरे को साफ करने में भी मदद करते हैं। पक्षी किसी भी शव तक जल्दी पहुंच जाते हैं। चील जैसे पक्षी मांस खाकर कई शवों को साफ करते हैं।
- जब पक्षी यात्रा करते हैं, तो वे अपने साथ खाए गए बीजों को ले जाते हैं और अपनी बूंदों के माध्यम से उन्हें बिखेर देते हैं। वे पौधों को उन पारिस्थितिक तंत्रों में वापस लाते हैं जो नष्ट हो चुके हैं और यहां तक कि पौधों को समुद्र के पार नई भूमि तक ले जाते हैं।
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