पकड़ वारि की धार मूलता है मेरा मन, आओ रे सब मुझे घेर कर गाओ सावन । इंद्रधनुष के झूले में झूले मिल सब जन, फिर-फिर आये जीवन में सावन मनभावना।
निम्न प्रश्नों के उत्तर एक एक वाक्य में लिखिए।
1. कवि का मन किसे पकडा ?
2 कवि सब को क्या गाने को कह रहे हैं?
3. झूना किस का है ?
4. कवि बार - बार जीवन में किसे निमेण दे रहे है ?
5. मन भावन का अर्थ क्या है ?
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1, काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
उत्तरः
काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक है-‘मातृ-भू, शत-शत बार प्रणाम।’
प्रश्नः 2.
‘कोटि-कोटि हम आज साथ में’ का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
‘कोटि-कोटि हम आज साथ में’ का आशय यह है कि आज करोड़ों भारतवासी एक होकर मातृभूमि के उन्नति के
लिए प्रयासरत हैं।
प्रश्नः 3.
‘हमारी मातृभूमि अमर-अजर तथा सबल है’-यह भाव व्यक्त करने वाली पंक्ति लिखिए।
उत्तरः
उक्त भाव व्यक्त करने वाली पंक्ति है –
चिर नवीन तू जरा-मरण से मुक्त सबल उद्दाम।
प्रश्नः 4.
मातृभूमि के स्वरूप का वर्णन करते हुए बताइए कि कवि ने उसे तेजस्विनि क्यों कहा है?
उत्तरः
हमारी मातृभूमि का मस्तक हिमगिरि हिमालय है, सागर उसके चरण चूमता है। मातृभूमि का यह स्वरूप अत्यंत सुंदर है। मातृभूमि की साँसों में वेद और ऋचाएँ हैं और वाणी में गीता का स्वर है, इसलिए कवि ने उसे तपस्विनि-तेजस्विनि । कहा है।
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