pakistan me loktantra ke vifalta ka karan kya hai
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लोकतन्त्र को जनतन्त्र ही कहते है, क्योंकि जनता के चुनाव के द्वारा ही यह तन्त्र बनता है। इसलिए बिना चुनाव का जो तन्त्र होता है। वह लोकतन्त्र या जनतन्त्र न होकर राजतन्त्र बन जाता है। इस प्रकार से लोकतन्त्र जनता का प्रतिनिधि तन्त्र है। इसमें समस्त जन समुदाय की सद्भावना और सद्विचार प्रकट होता है।
Democracy Loktantra essay in Hindiलोकतन्त्र के अर्थ को स्पष्ट करते हुए महान राजनेता एवं भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन, अमेरिका के राष्ट्रपति कैनेडी, जेफर्सन, लार्ड विवरेज, विश्वविद्यालय नाटककार वर्नाड शा, प्रोफेसर लास्की, सुप्रसिद्ध अंग्रेजी विद्वान वर्क आदि ने अलग अलग विचार प्रकट किए हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था- लोकतन्त्र में चुनाव राजनैतिक शिक्षा देने का विश्वविद्यालय है। अब्राहम लिंकन ने लोकतन्त्र का अर्थ – जनता के ही हेतु, जनता द्वारा जनता का शासन बताया है। इस प्रकार से लोकतन्त्र में लोक निष्ठा और लोक भावना का समावेश होता है। इसमें चुनाव का महत्व सर्वप्रथम और सर्वाधिक है। इससे लोक कल्याण प्रकट होता है।
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